सौर मंडल के सभी ग्रह
आज हम सौर मंडल के सभी ग्रह के बारे में देखेंगे
सौरमंडल के 8 ग्रह हैं जो इस प्रकार है
जैसे कि हमने आपको बताया की सौरमंडल के आठ ग्रह जो अभी हमने ऊपर पढ़ें है अब हम इनकी पूरी तरीके से जानकारी नीचे देखेंगे
सबसे पहले हम सूर्य के वारे में जानकारी देंखते है
सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं।
किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है।
हमारे सूरज और उसके ग्रहीय मण्डल को मिलाकर हमारा सौर मण्डल बनता है।
इन पिंडों में आठ ग्रह, उनके 172 ज्ञात उपग्रह, पाँच बौने ग्रह और अरबों छोटे पिंड शामिल हैं।
इन छोटे पिंडों में क्षुद्रग्रह, बर्फ़ीला काइपर घेरा के पिंड, धूमकेतु, उल्कायें और ग्रहों के बीच की धूल शामिल हैं।
सौर मंडल के चार छोटे आंतरिक ग्रह बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल ग्रह जिन्हें स्थलीय ग्रह कहा जाता है, जो मुख्यतया पत्थर और धातु से बने हैं।
सूर्य (Sun)
सूर्य अथवा सूरज सौरमंडल के केन्द्र में स्थित एक तारा जिसके चारों तरफ पृथ्वी और सौरमंडल के अन्य अवयव घूमते हैं।
सूर्य हमारे सौर मंडल का सबसे बड़ा पिंड है और उसका व्यास लगभग १३ लाख ९० हज़ार किलोमीटर है जो पृथ्वी से लगभग १०९ गुना अधिक है।
ऊर्जा का यह शक्तिशाली भंडार मुख्य रूप से हाइड्रोजन और हीलियम गैसों का एक विशाल गोला है।
परमाणु विलय की प्रक्रिया द्वारा सूर्य अपने केंद्र में ऊर्जा पैदा करता है।
सूर्य से निकली ऊर्जा का छोटा सा भाग ही पृथ्वी पर पहुँचता है जिसमें से १५ प्रतिशत अंतरिक्ष में परावर्तित हो जाता है, ३० प्रतिशत पानी को भाप बनाने में काम आता है और बहुत सी ऊर्जा पेड़-पौधे समुद्र सोख लेते हैं।
इसकी मजबूत गुरुत्वाकर्षण शक्ति विभिन्न कक्षाओं में घूमते हुए पृथ्वी और अन्य ग्रहों को इसकी तरफ खींच कर रखती है। सूर्य की जानकारी प्राप्त की
बुध ग्रह (Mercury)
बुध (Mercury), सौरमंडल के आठ ग्रहों में सबसे छोटा और सूर्य का सबसे निकटतम ग्रह है।
इसका परिक्रमण काल लगभग 88 दिन है।
पृथ्वी से देखने पर, यह अपनी कक्षा के ईर्दगिर्द 116 दिवसो में घूमता नजर आता है जो कि ग्रहों में सबसे तेज है।
बुध के अक्ष का झुकाव सौरमंडल के अन्य किसी भी ग्रह से सबसे कम है (एक डीग्री का करीब 1⁄30), परंतु कक्षीय विकेन्द्रता सर्वाधिक है।
बुध ग्रह अपसौर पर उपसौर की तुलना में सूर्य से करीब 1.5 गुना ज्यादा दूर होता है।
बुध की धरती क्रेटरों से अटी पडी है तथा बिलकुल हमारे चन्द्रमा जैसी नजर आती है, जो इंगित करता है कि यह भूवैज्ञानिक रूप से अरबो वर्षों तक मृतप्राय रहा है।
शुक्र ग्रह (Venus)
शुक्र (Venus), सूर्य से दूसरा ग्रह है और प्रत्येक 224.7 पृथ्वी दिनों मे सूर्य परिक्रमा करता है।
ग्रह का नामकरण प्रेम और सौंदर्य की रोमन देवी पर हुआ है चंद्रमा के बाद यह रात्रि आकाश में सबसे चमकीली प्राकृतिक वस्तु है इसका आभासी परिमाण -4.6 के स्तर तक पहुँच जाता है और यह छाया डालने के लिए पर्याप्त उज्जवलता है।चूँकि शुक्र एक अवर ग्रह है इसलिए पृथ्वी से देखने पर यह कभी सूर्य से दूर नज़र नहीं आता है: इसका प्रसरकोण 47.8 डिग्री के अधिकतम तक पहुँचता है। शुक्र सूर्योदय से पहले या सूर्यास्त के बाद केवल थोड़ी देर के लिए ही अपनी अधिकतम चमक पर पहुँचता है। यहीं कारण है जिसके लिए यह प्राचीन संस्कृतियों के द्वारा सुबह का तारा या शाम का तारा के रूप में संदर्भित किया गया है।
पृथ्वी ग्रह (Earth)
पृथ्वी ग्रह (Earth) सौरमण्डल का एक ग्रह है जिसे विश्व भी कहा जाता है।यह दूरी के आधार पर सूर्य से तीसरा ग्रह है यह एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन पाया जाता है। इसकी सतह का 71% भाग जल से तथा 29% भाग भूमि से ढका हुआ है।इसकी सतह विभिन्न प्लेटों से बनी हुए है।इस पर पानी तीनो अवस्थाओं में पाया जाता है।इसके दोनों ध्रुवों पर बर्फ की एक मोटी परत है। रेडियोमेट्रिक डेटिंग अनुमान और अन्य सबूतों के अनुसार पृथ्वी की उत्पत्ति 4.54 अरब साल पहले हुई थी।पृथ्वी के इतिहास के पहले अरब वर्षों के भीतर जीवों का विकास महासागरों में हुआ।पृथ्वी के वायुमण्डल और सतह को प्रभावित करना शुरू कर दिया जिससे एनारोबिक और बाद में, एरोबिक जीवों का प्रसार हुआ। कुछ भूगर्भीय साक्ष्य इंगित करते हैं कि जीवन का आरम्भ 4.1 अरब वर्ष पहले हुआ होगा।
पृथ्वी पर जीवन के विकास के दौरान जैवविविधता का अत्यन्त विकास हुआ।
चन्द्रमा (Moon)
चन्द्रमा पृथ्वी का एकमात्र प्राकृतिक उपग्रह है। यह सौर मंडल का पाँचवां,सबसे विशाल प्राकृतिक उपग्रह है। इसका आकार क्रिकेट बॉल की तरह गोल है।और यह खुद से नहीं चमकता बल्कि यह तो सूर्य के प्रकाश से प्रकाशित होता है।पृथ्वी से चन्द्रमा की दूरी ३८४,४०३ किलोमीटर है। यह दूरी पृथ्वी के व्यास का ३० गुना है।चन्द्रमा पर गुरुत्वाकर्षण पृथ्वी से १/६ है। यह पृथ्वी कि परिक्रमा २७.३ दिन में पूरा करता है और अपने अक्ष के चारो ओर एक पूरा चक्कर भी २७.३ दिन में लगाता है। यही कारण है कि चन्द्रमा का एक ही हिस्सा या फेस हमेशा पृथ्वी की ओर होता है। यदि चन्द्रमा पर खड़े होकर पृथ्वी को देखे तो पृथ्वी साफ़ साफ़ अपने अक्ष पर घूर्णन करती हुई नजर आएगी। पृथ्वी- चन्द्रमा-सूर्य ज्यामिति के कारण "चन्द्र दशा" हर २९.५ दिनों में बदलती है
मंगल ग्रह (Mars)
मंगल ग्रह सौरमंडल में सूर्य से चौथा ग्रह है।
इसके तल की आभा रक्तिम है, जिस वजह से इसे "लाल ग्रह" के नाम से भी जाना जाता है।
सौरमंडल के ग्रह दो तरह के होते हैं - "स्थलीय ग्रह" जिनका तल आभासीय होता है और "गैसीय ग्रह" जो अधिकतर गैस से निर्मित हैं। पृथ्वी की तरह, मंगल भी एक स्थलीय धरातल वाला ग्रह है। इसका वातावरण विरल है। इसकी सतह देखने पर चंद्रमा के गर्त और पृथ्वी के ज्वालामुखियों, घाटियों, रेगिस्तान और ध्रुवीय बर्फीली चोटियों की याद दिलाती है।सौरमंडल का सबसे अधिक ऊँचा पर्वत, ओलम्पस मोन्स मंगल पर ही स्थित है। साथ ही विशालतम कैन्यन वैलेस मैरीनेरिस भी यहीं पर स्थित है। अपनी भौगोलिक विशेषताओं के अलावा, मंगल का घूर्णन काल और मौसमी चक्र पृथ्वी के समान हैं। इस ग्रह पर जीवन होने की संभावना को हमेशा से परिकल्पित किया गया है।
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बृहस्पति ग्रह (Jupiter)
बृहस्पति सभी ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है।बहस्पति अपने अक्ष पर घुमने के लिए केवल 10 घण्टे का समय लेता है। सभी ग्रहों में सबसे तेज।बहस्पति ग्रह का तापमान 130 डिग्री सेल्सियस हैबहस्पति ग्रह के 79 उपग्रहहैंइन उपग्रहों में से गैनिमीड सबसे बड़ा उपग्रह है। गैनिमीड ही पूरे सौरमंडल का सबसे बड़ा उपग्रह भी है तथा आकार में यह बुद्ध ग्रह से भी बड़ा हैसूर्य की पूरी एक परिक्रमा करने में बृहस्पति को 12 वर्षों का समय लगता हैबहस्पति वजन की तुलना में सारे ग्रहों के वजन से 2.5 गुना अधिक भारी है।
शनि ग्रह (Saturn)
शनि (Saturn), सूर्य से छठां ग्रह है तथा बृहस्पति के बाद सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह हैं औसत व्यास में पृथ्वी से नौ गुना बड़ा शनि एक गैस दानव है जबकि इसका औसत घनत्व पृथ्वी का एक आठवां है, अपने बड़े आयतन के साथ यह पृथ्वी से 95 गुने से भी थोड़ा बड़ा है।इसका खगोलिय चिन्ह ħ है। शनि का एक आंतरिक चुम्बकीय क्षेत्र है जिसका एक सरल, सुडौल आकार है - एक चुम्बकीय द्विध्रुव शनि और सूर्य के बीच की औसत दूरी 1.4 अरब किलोमीटर से अधिक (9 एयू) है शनि के कम से कम 62 चंद्रमा हैं, उनमें से 53 के औपचारिक नाम है।
अरुण ग्रह (Uranus)
अरुण (Uranus), या यूरेनस हमारे सौर मण्डल में सूर्य से सातवाँ ग्रह है व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का तीसरा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर चौथा बड़ा ग्रह है द्रव्यमान में यह पृथ्वी से १४.५ गुना अधिक भारी और अकार में पृथ्वी से ६३ गुना अधिक बड़ा है
औसत रूप में देखा जाए तो पृथ्वी से बहुत कम घना है - क्योंकि पृथ्वी पर पत्थर और अन्य भारी पदार्थ अधिक प्रतिशत में हैं जबकि अरुण पर गैस अधिक है अरुण को बिना दूरबीन के आँख से भी देखा जा सकता है१३ मार्च १७८१ में विलियम हरशल ने इसकी खोज की घोषणा करीअरुण दूरबीन द्वारा पाए जाने वाला पहला ग्रह था
वरुण- नॅप्चयून ग्रह (Neptune)
वरुण, नॅप्टयून या नॅप्चयून हमारे सौर मण्डल में सूर्य से आठवाँ ग्रह है व्यास के आधार पर यह सौर मण्डल का चौथा बड़ा और द्रव्यमान के आधार पर तीसरा बड़ा ग्रह है वरुण का द्रव्यमान पृथ्वी से १७ गुना अधिक है और अपने पड़ौसी ग्रह अरुण (युरेनस) सेथोड़ाअधिकहैखगोलीय इकाई के हिसाब से वरुण की कक्षा सूरज से ३०.१ ख॰ई॰ की औसत दूरी पर है वरुण पृथ्वी के मुक़ाबले में सूरज से लगभग तीस गुना अधिक दूर है।वरुण को सूरज की एक पूरी परिक्रमा करने में १६४.७९ वर्ष लगते हैं, यानि एक वरुण वर्ष १६४.७९ पृथ्वी वर्षों के बराबर है
मुझे उम्मीद है कि आपको मेरा यह लेख आपको पसंद आया होगा मेरी कोशिश रहेगी कि पाठक को किसी भी विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी भी अन्य साईट में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत न हो I यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी सवालहैं या आप चाहते हैं कि इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तो आप comment कर सकते हो . Thanks
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